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बुझी समा भी जल सकती हैं, तुफा से कशती भी निकल सकत

बुझी समा भी जल सकती हैं, 
तुफा से कशती भी निकल सकती हैं, 
होके मायुस युं ना अपने इरादे बदल तेरी किसमत कभी भी बदल सकती हैं

©Hemant Singh मोटीवेट शायरी
#Thoughts
बुझी समा भी जल सकती हैं, 
तुफा से कशती भी निकल सकती हैं, 
होके मायुस युं ना अपने इरादे बदल तेरी किसमत कभी भी बदल सकती हैं

©Hemant Singh मोटीवेट शायरी
#Thoughts
hemantsingh8683

Hemant Singh

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