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तल्ख़ी की बून्द बून्द से लहजा हुआ है ज़हर, मैं रफ़्त

तल्ख़ी की बून्द बून्द से लहजा हुआ है ज़हर,

मैं रफ़्ता रफ़्ता नीम के पत्तों में ढल गया/
तल्ख़ी की बून्द बून्द से लहजा हुआ है ज़हर,

मैं रफ़्ता रफ़्ता नीम के पत्तों में ढल गया/