आसरा नज़रअंदाज़ कर देता, आसरा ना देता ! तो इंतज़ार जीते जी, हमें मरा ना देता !! यही चेहरा अगर तू, पहले दिखाया होता ! आज यह तेरा चेहरा , हमें डरा ना देता !! ग़र तुम मेरे विश्वास, ना तार - तार करते ! मुझे ही मेरा विश्वास,मुझको हरा ना देता !! मुझे मेरे कदम कभी, हमें गिरने ना देता ! अगर मेरे हाथों को थाम, तू गिरा ना देता !! जो लेते थे हमसे , अब आकर वो हमको ! मेरे आँसूओ को पोंछ के, मसवरा ना देता !! ©S K Sachin उर्फ sachit #horror #आसरा.. #गज़ल