ॐ नमः शिवाय एक उस भोले से ही आस है , शमसान में जिसका बास है। मेरे रास्ते के कांटे भी , फूल बन जाते है। क्योंकि हम भोले के भक्त कहलाते हैं। जब जब मेरे सिर से भोले ने अपना हाथ हटाया है। तब तब मेरे आँखों में आँसू आया है, देवों के देव जिनका नाम है , कैलास पर्वत उनका धाम है । जो देवता और अशूर के भी प्यारे हैं, इसी से पता चलता है , मेरे भोले कितने न्यारे हैं। जटा से जिसकी गंगा बहती है , उसी के सिर पर चंद्र भी रहते हैं। जिसके गले मे साँपों कि माला है , उसी भोले ने मुझे हर मुसीबत से निकाला है । नंदी के बिना वो कही , नही जाते हैं। बुलाने पर वो नंदी पर सवार होकर आते हैं। जिसके तीसरे नेत्र खुलते ही , भूचाल और प्रलय आ जाते हैं , वो मेरे महादेव के ही ,त्रिनेत्र कहलाते हैं। शंकर मेरे , श्रीकंठ भी कहलाते हैं , प्यार से हम उन्हें त्रिलोकेश भी बुलाते है। हर तरफ शिव पार्वती का ही नाम है, उन दोनों के चरणों में , मेरा सिर झुका कर प्रणाम है। #jaibhole #Shiv