White पल्लव की डायरी हँसी झिठौली बचपन की लोरी कहानी दादी की गायब है मन की मस्ती,आंगन की मिट्टी बेसिक खेल परवान नही अब चढ़ते है मन भारी स्कूलों के बस्तों से चौखट तीन साल से उनकी चढ़ते है है सिर्फ किताबी ज्ञान नैतिकता संस्कार किसी पे नही चढ़ते है सिर्फ एक नॉकरी पाने,होड़ लगी है सर्टिफिकेट गले लगते है रिश्ते नाते धर्म कर्म सब स्वाहा जंग ऐसी जीवन से हम सब लड़ते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #fathers_day जंग ऐसी हम जीवन से लड़ते है #nojotohindi