'प्रतिदिन' 'प्रातःकाल' में 'प्रकृति', अपना "कोष" बरसाती है। उस 'सुन्दर बेला' में, जो 'मनुष्य' जाग गया उसे, वो 'अनमोल' "निधि" मिल जाती है। ©Preeti Naveen #nojoto#poem #Quote #Morning #positive #thought #Thoughts #Sunrise