तेरा रंग मुझपे इस कदर चढ़ा है, हर रंग फीका लगने लगा है, क्या करें दीवाने जो तेरे हो गए हैं,ना पूछ रंगों की कोई जात, है तुझे सच्ची मोहब्बत तो कर ले इजहार, नहीं तो कर दे इंकार, पर जात पूछ कर ना कर इजहार,, है मोहब्बत तो करले इजहार,,