रास्ते रास्ते सारे होते नहीं इन्सानियत के क़ाबिल, कुछ रास्ते सजाते हैं शैतानियत के महफ़िल, है पवित्र जिसकी आत्मा, बस वही होते हैं ताज़ ए इन्सानियत के क़ाबिल #कविमनीष #कविमनीष