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नदी का बहाव और दिल का झुकाव कभी सोच से नही चलता अग

नदी का बहाव और दिल का झुकाव कभी सोच से नही चलता
अगर सोच से चलता तो इंसान समुद्र होता
नदी की तरह उफ़ान भरकर तट बन्ध न ढोता©अरुणाkp® #waiting  Mahi choudhary lakhiram Maa ch.Surender Singh rajputani
नदी का बहाव और दिल का झुकाव कभी सोच से नही चलता
अगर सोच से चलता तो इंसान समुद्र होता
नदी की तरह उफ़ान भरकर तट बन्ध न ढोता©अरुणाkp® #waiting  Mahi choudhary lakhiram Maa ch.Surender Singh rajputani