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White अपने सपने संजोने को घर से बाहर चलना पड़ता

White अपने सपने संजोने को 
घर से बाहर चलना पड़ता 
सपनों की इस दुनियां में 
सुख सुविधाओं को तजना पड़ता 
मैंने इस दुनियां मैं 
हजारों पढते देखें है।
यहां हर दृष्टि भिन्न होती
कोई गहरी तो कोई सुन्य होती
कन्ही मिल यारों संग जामें होतीं 
कन्ही बंद कमरों में शामें होती
मैंने इस दुनियां में 
हजारों पलते देखे हैं।

अनुभव से अनुभूति की यात्रा 
घर से सपनों की दुनियां तक
चलती है
अनुभूति आनन्द का रूप
❣️

©वीrendra yadav
  #embrace the journey ❣️Ⓜ️e self lover 💕

#embrace the journey ❣️Ⓜ️e self lover 💕 #कविता

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