मुख़्तसर सी ज़िंदगी है न जाने कहाँ ले के जाये मुसलसल तलाश है न जाने क्या हासिल हो जाये मुंतजिर हैं ये आंखें न जाने दर्द कब कुछ काम हो जाये मुक़म्मल एक जहाँ..न जाने कब ख़्वाबों में ही सही...हासिल हो जाये ©the unsaid arpita #RoadToHeaven Akash shri vastav Ayush Sharma