Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो दिन मैं कैसे भूलूं?, जिस दिन तुझको मैं पाया था

वो दिन मैं कैसे भूलूं?, 
जिस दिन तुझको मैं पाया था। 
यू तो थे हम अनजान मगर, 
तूने ही तो अपनाया था। 

वो दिन बीते, महीने बीते, 
सालो का भी बीत जाना था। 
जो साथ था हमारा अटूट यारो, 
वो एक न एक दिन तो छूट ही जाना था। 

रोया था बिछड़कर तुझसे मैं, 
पानी आँखों में तेरी भी तो आया था। 
यही रीत है जीवन की, 
तब तूने ही तो समझाया था। 

अब भी याद करता हूँ तुझको, 
जब तू मेरे सपनो मे आता है। 
ओह! मेरे प्यारे नवोदय, 
काश कुछ मैं दे पाता तुझको। 

#Rajveer Singh Rathore #Happy Navodya Day
वो दिन मैं कैसे भूलूं?, 
जिस दिन तुझको मैं पाया था। 
यू तो थे हम अनजान मगर, 
तूने ही तो अपनाया था। 

वो दिन बीते, महीने बीते, 
सालो का भी बीत जाना था। 
जो साथ था हमारा अटूट यारो, 
वो एक न एक दिन तो छूट ही जाना था। 

रोया था बिछड़कर तुझसे मैं, 
पानी आँखों में तेरी भी तो आया था। 
यही रीत है जीवन की, 
तब तूने ही तो समझाया था। 

अब भी याद करता हूँ तुझको, 
जब तू मेरे सपनो मे आता है। 
ओह! मेरे प्यारे नवोदय, 
काश कुछ मैं दे पाता तुझको। 

#Rajveer Singh Rathore #Happy Navodya Day