सब कुछ सीखा हमने पर,
तुझसे लड़ना झगड़ना सीखा ना,
चाहती तो तुझे ठग लेती,
झूठा हँसकर, चीख़ा ना,
तभी आज भी संग तेरे ही,
मैं बैठ के बतियाती हूँ,
कुछ तो कटौती कर दाम में अपने,
ए-जिंदगी, मैं हर रोज़ तेरी दुकान में दर्द खरीदने आती हूँ..। #Shayari#nojotohindi#Sneh#openmice#immatureink