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अब अपने शहर में वो पुरानी बात कहाँ रही #Me

अब अपने शहर में वो पुरानी बात कहाँ रही         #Merasheher
शाम ढले अदब वाली मुलाकात कहाँ रही

मशगूल है अपनी ख्वाहिशों में यहाँ हर कोई
कोई किसी का दर्द बाँटे ये औकात कहाँ रही

नफरतों के बीज बोते आज हैं आका तुम्हारे
मोहब्बत का पाठ पढ़ाते ये बिसात कहाँ रही

हम फ़लाना तुम ढिमका जंग छिड़ी है जोर की
हैं हम सब भाई भाई अब ये जात कहाँ रही

खैर दिन तो पसीने से तर-बतर रहा लेकिन
गुजरे बिना अश्क़ ढले अब वो रात कहाँ रही

मिरे महबूब के वादे थे जियेंगे या मरेंगे साथ साथ
वो मौत के तो साथ रही लेकिन मिरे साथ कहाँ रही
                                ©बृजेन्द्र 'बावरा' #MeraShehar #NojotoChallange #NojotoGhazal #NojotoUrdu #bawraspoetry #Urdu
अब अपने शहर में वो पुरानी बात कहाँ रही         #Merasheher
शाम ढले अदब वाली मुलाकात कहाँ रही

मशगूल है अपनी ख्वाहिशों में यहाँ हर कोई
कोई किसी का दर्द बाँटे ये औकात कहाँ रही

नफरतों के बीज बोते आज हैं आका तुम्हारे
मोहब्बत का पाठ पढ़ाते ये बिसात कहाँ रही

हम फ़लाना तुम ढिमका जंग छिड़ी है जोर की
हैं हम सब भाई भाई अब ये जात कहाँ रही

खैर दिन तो पसीने से तर-बतर रहा लेकिन
गुजरे बिना अश्क़ ढले अब वो रात कहाँ रही

मिरे महबूब के वादे थे जियेंगे या मरेंगे साथ साथ
वो मौत के तो साथ रही लेकिन मिरे साथ कहाँ रही
                                ©बृजेन्द्र 'बावरा' #MeraShehar #NojotoChallange #NojotoGhazal #NojotoUrdu #bawraspoetry #Urdu