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दादा पोता का होता है गहरा बहुत याराना दादा को भी

दादा पोता का होता है गहरा बहुत याराना 
दादा को भी आ जाता है अपना याद जमाना

जहां भी जाता ,लेकर जाता 
साथ में उसके , कदम बढ़ाता 
कभी कंधे पर , कभी गोदी में 
उंगली पकड़ के, हाथ हिलाता 
दादा के संग सीखता है,पोता सब हंसना गाना।
दादा को भी याद आता है अपना वही जमाना

किस्से कहता, कथा सुनाता
अपनी बीती बात बताता
दुख में सुख में, कैसे रहते
जीवन के यूं, पाठ पढाता 
दादा के संग सीखते बच्चे पीना खेलना खाना

सबसे पहले , शब्द बोलता 
बच्चा मां , या  दादा
तुतली जुबान से ताता
सुनकर दादा, खुश हो ज्यादा
दादा को मिल जाता है जैसे अनमोल खजाना
दादा को भी याद आता है बचपन का वो जमाना।

©Vijay Vidrohi #mothers_day #Grandparents #dada #my #New #Poetry #poem #shayri #Love #Life
दादा पोता का होता है गहरा बहुत याराना 
दादा को भी आ जाता है अपना याद जमाना

जहां भी जाता ,लेकर जाता 
साथ में उसके , कदम बढ़ाता 
कभी कंधे पर , कभी गोदी में 
उंगली पकड़ के, हाथ हिलाता 
दादा के संग सीखता है,पोता सब हंसना गाना।
दादा को भी याद आता है अपना वही जमाना

किस्से कहता, कथा सुनाता
अपनी बीती बात बताता
दुख में सुख में, कैसे रहते
जीवन के यूं, पाठ पढाता 
दादा के संग सीखते बच्चे पीना खेलना खाना

सबसे पहले , शब्द बोलता 
बच्चा मां , या  दादा
तुतली जुबान से ताता
सुनकर दादा, खुश हो ज्यादा
दादा को मिल जाता है जैसे अनमोल खजाना
दादा को भी याद आता है बचपन का वो जमाना।

©Vijay Vidrohi #mothers_day #Grandparents #dada #my #New #Poetry #poem #shayri #Love #Life