कुसुम किसलय कुंज कोकिल कुकते हैं फाग में । तन और मन भीगे हुए हैं , भाग के उल्लास में । मन मेरा आज प्रफुल्लित है , रोज नए उत्सर्ग में । पर्व इंद्रधनुषी रंग बिखेरे , तन मन मेरा भीगा जाए । रंगो के उल्लास में , नैन मेरे प्यार के रस पिये जाए । नैनो से नैना लड़े रंगो के त्योहार में रंगोत्सव का यह पर्व आपकी जीवन में खुशियां एवं उल्लास लेकर आए । 🙏 18 / 3 /2022 ©motivationl indar jeet guru #कुसुम किसलय कुंज कोकिल कुकते हैं फाग में । तन और मन भीगे हुए हैं , भाग के उल्लास में । मन मेरा आज प्रफुल्लित है , रोज नए उत्सर्ग में । पर्व इंद्रधनुषी रंग बिखेरे , तन मन मेरा भीगा जाए ।