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खोल आंखें........ देख कि इक़ नन्ही सी दुनिया भी सजा

खोल आंखें........
देख कि इक़ नन्ही सी दुनिया भी सजाई है 
तेरे इंतेज़ार में तमाम रातें जागते बिताई है
.
बेचैन कर रहे थे हालात इधर के उधर के
और बस तुझको देखा कि राहत पाई है
.
अपने बदन में महसूस किया है पूरे महीनों में
तू मुस्कुराता है ये देख क़ायनात मुस्कुराई है
.
मेरे हिस्से की तमाम खुशियां तेरे नाम हुई
इंसा अच्छा है तेरा बाप वफ़ाएँ निभाई हैं
.
तेरी खुश आमद की घड़ी आई है
अब वापिस जां में जां आई है
.
 खोल आंखें
खोल आंखें........
देख कि इक़ नन्ही सी दुनिया भी सजाई है 
तेरे इंतेज़ार में तमाम रातें जागते बिताई है
.
बेचैन कर रहे थे हालात इधर के उधर के
और बस तुझको देखा कि राहत पाई है
.
अपने बदन में महसूस किया है पूरे महीनों में
तू मुस्कुराता है ये देख क़ायनात मुस्कुराई है
.
मेरे हिस्से की तमाम खुशियां तेरे नाम हुई
इंसा अच्छा है तेरा बाप वफ़ाएँ निभाई हैं
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तेरी खुश आमद की घड़ी आई है
अब वापिस जां में जां आई है
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 खोल आंखें

खोल आंखें