एक बाहे प्रेम रस, तो एक गाहे इश्क़ को एक स्त्रावे अश्रु धारा, एक पीवे अश्क़ को कवि जहँ सूर्य की गर्मी, शायर रात्रि चन्द्र शीतलता है ज्यों जब ऊगे एक वहीं, तो दुजा क्षितिज़ पर ढलता है अर्द्ध रात्रि के पहर बीत, सारा आकाश हमारा है मंदाकिनी कि दुग्ध भास में, नव अवकाश बहारा है "कवि और शायर - एक लघु प्रेमगीत" जहाँ कवि की कविताएँ, सूर्य की रश्मियों के समान हैं, जहाँ शायर की शायरी, चाँद की चाँदनी के बराबर है। #lovepoetry #alokstates #dedicated #yqbaba #yqdidi #loveshayari #प्यारकेसातरंग