नारी एक मात्र शब्द नहीं. ये तो इस भवसागर की केवट है.. जो बैठे इसकी नौका में उस पर मानो कहीं ईश्वर की रहमत है... संदा करती है प्रेम सभी से किसी से कोई वैर नही .... मगर अफशोस यही की ये अभी तक पूर्ण त: आजाद नहीं..... ©Lokesh Soham अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की मांगलिक बधाई........ #standAlone