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बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो... मेरे जन्

बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...

मेरे जन्म से पहले भ्रूण हत्या...
जन्म मिले तो भेदभाव है सत्या...
लग्न से पहले पिता की बेटी, लग्न बाद सास की बहू मैं..
पहले भेदभाव सहा, अब पराये घर नोकरों सा व्योहार सहूँ मैं..
दहेज़ से प्रताड़ित रोज़ है होती, घूंघट में मुझे घुट जाने दो..
बेटी-बहू होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


जन्म हुआ तो जनकसुता, जनकप्रिय मैं सबसे ज्यादा..
राम विवाह कर बन गयी, रघुवंशियों की मैं मर्यादा...
14 वर्ष वनवास में कटे, अग्निपरीक्षा सुन हृदय में पीड़ा है..
लव-कुश थे जो महल के भोगी, अब सिर्फ महल उनके लिए क्रीड़ा है...
मेरा जीवन था संघर्ष भरा, मुझे अब धरा में गढ़ जाने दो..
बेटी-"सीता" होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


मैं अम्बा मैं जगदम्बा, आदि शक्ति भवानी भी..
मैं संतोषी मैं ही गौरा, कालों की काल महाकाली भी..
दुनिया मेरे इन रूपों को पूजती, चरण पखारती चढ़ाती फूल है..
मैं तो हर बेटी में अवतरित, फिर इस रूप को दुनिया न जाने कैसे जाती भूल है..
बेटी रूप को तुम न पहचाने मेरे तो देवी रूप को भी नजरों से उतर जाने दो..
बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!

बलात्कार भी मेरे होते, पैदा भी वो मुझसे हुये..
दूध पिलाया मैंने खुद का, क्या इतने बड़े तुम खुदसे हुये..
एक हाथ में राखी है, पूजा करें हम उनकी थाली से
अगले ही क्षण वो किसी की इज्जत उतरते माँ बहन की गाली से...
अब  इस दोगली दुनिया से थक चली मैं मुझे घर जाने दो..
माँ-बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


*#Jhutha.Shayar...*







.

©Gaurav... बेटी दिवस

#Drown
बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...

मेरे जन्म से पहले भ्रूण हत्या...
जन्म मिले तो भेदभाव है सत्या...
लग्न से पहले पिता की बेटी, लग्न बाद सास की बहू मैं..
पहले भेदभाव सहा, अब पराये घर नोकरों सा व्योहार सहूँ मैं..
दहेज़ से प्रताड़ित रोज़ है होती, घूंघट में मुझे घुट जाने दो..
बेटी-बहू होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


जन्म हुआ तो जनकसुता, जनकप्रिय मैं सबसे ज्यादा..
राम विवाह कर बन गयी, रघुवंशियों की मैं मर्यादा...
14 वर्ष वनवास में कटे, अग्निपरीक्षा सुन हृदय में पीड़ा है..
लव-कुश थे जो महल के भोगी, अब सिर्फ महल उनके लिए क्रीड़ा है...
मेरा जीवन था संघर्ष भरा, मुझे अब धरा में गढ़ जाने दो..
बेटी-"सीता" होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


मैं अम्बा मैं जगदम्बा, आदि शक्ति भवानी भी..
मैं संतोषी मैं ही गौरा, कालों की काल महाकाली भी..
दुनिया मेरे इन रूपों को पूजती, चरण पखारती चढ़ाती फूल है..
मैं तो हर बेटी में अवतरित, फिर इस रूप को दुनिया न जाने कैसे जाती भूल है..
बेटी रूप को तुम न पहचाने मेरे तो देवी रूप को भी नजरों से उतर जाने दो..
बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!

बलात्कार भी मेरे होते, पैदा भी वो मुझसे हुये..
दूध पिलाया मैंने खुद का, क्या इतने बड़े तुम खुदसे हुये..
एक हाथ में राखी है, पूजा करें हम उनकी थाली से
अगले ही क्षण वो किसी की इज्जत उतरते माँ बहन की गाली से...
अब  इस दोगली दुनिया से थक चली मैं मुझे घर जाने दो..
माँ-बेटी होना गुनाह है तो मुझे मर जाने दो...!!


*#Jhutha.Shayar...*







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©Gaurav... बेटी दिवस

#Drown
gaurav8681795458494

Gaurav...

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