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मुख माहीं डारि के घूंघट, प्रियतमा बैठी सेज मा! सुं

मुख माहीं डारि के घूंघट,
प्रियतमा बैठी सेज मा!
सुंदर सी वा तरुणी लगय सुहावनी,
घूंघट के ओट मा!

ओढ़ि के घूंघट जब वा आयी,
पिया के दिल का फेर धड़काई,
समाई पिया के हिय मा!

चुपके-चुपके वा देखय,
उठाय के आपन घूंघट,
लड़ि गय नज़र, नज़र से पिया के,
शर्मायी नवेली दिन मा!

मुस्काय रही घुंघटे के भीतर,
देखि-देखि के पिया का वा,
लागय जैसे निहारि रहा है,
चंदा लुकि के,
बादल के ओट मा!

-शिल्पी शहडोली #citysunset #ghunghat #bagheli #dulhan #ss #NojotoHindi #NojotoShayri #NojotoNews Reetika Joshi Nibedita Saurav Tiwari sheetal pandya मेरे शब्द
मुख माहीं डारि के घूंघट,
प्रियतमा बैठी सेज मा!
सुंदर सी वा तरुणी लगय सुहावनी,
घूंघट के ओट मा!

ओढ़ि के घूंघट जब वा आयी,
पिया के दिल का फेर धड़काई,
समाई पिया के हिय मा!

चुपके-चुपके वा देखय,
उठाय के आपन घूंघट,
लड़ि गय नज़र, नज़र से पिया के,
शर्मायी नवेली दिन मा!

मुस्काय रही घुंघटे के भीतर,
देखि-देखि के पिया का वा,
लागय जैसे निहारि रहा है,
चंदा लुकि के,
बादल के ओट मा!

-शिल्पी शहडोली #citysunset #ghunghat #bagheli #dulhan #ss #NojotoHindi #NojotoShayri #NojotoNews Reetika Joshi Nibedita Saurav Tiwari sheetal pandya मेरे शब्द