कोई बात नहीं अग़र खुश न रह सको! कवि कहता है इतना मग़र चिंता न किया करो! हर बारिस के बाद धूप निकलती है! हर रात के बाद दिन निकलता है! बस इस सच्चाई को स्वीकार कर लिया करो! कोई बात नहीं!! अग़र कुछ न कर सको!! लम्हा बदलता है हरपल बस इंतज़ार कर लिया करो!!!!! ©Deepak Bisht #हक़ीक़ते-ए-जिंदगी