क्या हुआ अगर सब कुछ छुट गया, क्या हुआ अगर सबसे नाता टूट गया, क्या हुआ अगर नही मिली मंजिल तुझे, क्या हुआ अगर नहीं मिली पहचान तुझे, क्या हुआ अगर उम्मीदों ने साथ नहीं दिया, क्या हुआ अगर वक्त ने हाथ छोड़ दिया, देख नई सुबह फिर आई हैे जो खोया है उसे दोबारा पाने की रोशनी संग लाई हैं, दिखा दे सबको तू क्या होती है मेहनत की खुशबू , जो कहते है नहीं होगा तुझसे कुछ उनको गलत साबित करने की बारी फिर आई है । -आशुतोष सिंह #परिश्रम