मुझे तुझसे जिस्मानी नहीं रूह का रिश्ता निभाना है तुझे किसी और का न होने देकर अपना बनाना है चाहत तो है कि तुझे कहीं जाने न दें रखे उम्र भर तुझे अपने पास तुझे किसी और का होने न दें न जाने किस वजह से ये चाहत चुप हो जाती है तुझे खो देने के डर से ये ख़फ़ा हो जाती है तू नहीं चाहिए फिर भी तू ही चाहिए..ये लाइन ये लाइन मेरे दिल में चुभ जाती है न जाने कैसी दोस्ती है ये कि तेरे बिना तो मेरी रूह मेरे जिस्म से निकल जाती है प्यार का तो पता नहीं लेकिन चाहत ज़रूर बढ़ जाती है... ©Himanshi Bharti रूहानी इश्क़ ❣️ #for #you #Love