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ये काली बिंदी तेरी, किसी शायर के बादल सा। उसपे झु

ये काली बिंदी तेरी, किसी शायर के बादल सा।
 उसपे झुकी ये पलके, मानो बरसात होने वाली है।
ये कौन सी मुस्कान लिए बैठे हो जनाब।2
शायद तेज बारिश में आज, बिजली भी गिरने वाली है।
मोर सा मैं बस तुझे देख के ही खुश था।2
आज ये नखरे तेरे, किसी की जान लेने वाली है।
हो सके तो रुख मेरी किस्मत की ओर ही कर लो।2
तेर इन्तेजार में न जाने, कब से ये दिल खाली है।

©Devchandra Thakur crush love romantic shayari

#standAlone
ये काली बिंदी तेरी, किसी शायर के बादल सा।
 उसपे झुकी ये पलके, मानो बरसात होने वाली है।
ये कौन सी मुस्कान लिए बैठे हो जनाब।2
शायद तेज बारिश में आज, बिजली भी गिरने वाली है।
मोर सा मैं बस तुझे देख के ही खुश था।2
आज ये नखरे तेरे, किसी की जान लेने वाली है।
हो सके तो रुख मेरी किस्मत की ओर ही कर लो।2
तेर इन्तेजार में न जाने, कब से ये दिल खाली है।

©Devchandra Thakur crush love romantic shayari

#standAlone