तुम ज़ेहन में हो तुम ख़्वाबों-खयालों,तसव्वुर में हो तुम हर घड़ी ,हर बातों में शाम ओ सहर हो दिल से दिल तक का नाता है हमारा तुम मेरी ज़िंदगी की बसर में हो मैं उलझी रहती हूँ ज़िंदगी के सवालों में तुम हर मुश्किल आसान करने वाले रहबर हो तुम्हारे होने से सीखा है मैंने ख़्वाबों को देखना 'अनाम' कितनी दफ़ा बताए कि तुम मेरे दिलबर हो। Sketch by my friend Sonali Jatt... Open for Collab.. #भाग्य_की_कलम_से #yqhindi #अनाम #रात्रिख़्याल