आए जब तु सामने तो लफ्ज़ खो जाए मेरा तुम नहीं तो लिखके तुमको कहर ढाती है कलम देख ली क्या खास है ऐ इश्क तेरा शुक्रिया अलविदा करता हूँ मैं अब सह नहीं सकता जुल्म जब होते है वो सामने तो एक लफ्ज भी नहीं कह पाते है,, और उनके जाने के बाद अब मेरी कलम कहर मचा रही है,, बड़ा अजीब है ये इश्क-ए-दस्तूर,, #YourQuoteAndMine Collaborating with शीतल कटारे