आप ने जिस पाँव में काँटा गड़ा रहने दिया, हमने भी उस पाँव को कुछ दिन खुला रहने दिया । जानता हूँ इश्क में कितना नफ़ा, नुकसान है, इसलिए जो थे ख़फा उनको ख़फा रहने दिया बीज दफना दें अगर तो फल उगल देगी ज़मी, बस यही सब सोच कर ग़म को दबा रहने दिया ज़िंदगी टूटे हुए ख्वाबों का मलबा है सहर, मौत ने सब कुछ चुना, हमको पड़ा रहने दिया #shayari #ghazal #hindipoetry #poetrt #urdu #inspirational