जिन्दगी का सफर, अब शायद खत्म होने को है। सुबह तो हसीन थी, अब अंतिम रात होने को है।। मत रोको मुझे, समंदर की गहराई तक जाने दो। अभी नवांकुर हूँ, साहित्य मकरंद को पाने दो।। कुन्दन कुंज #Riverbankblue #कुन्दन_कुंज #काव्यकुंज #kavikundanbahardar