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ये उन्हीं की बख्शी हुई है जिंदगी, जो हम जी रहे हैं

ये उन्हीं की बख्शी हुई है जिंदगी,
जो हम जी रहे हैं.? 
वरना सजा-ए-मौत के काबिल थे
गुनाह हमारे..! वरना सजा-ए-मौत के काबिल थे
गुनाह हमारे..!
ये उन्हीं की बख्शी हुई है जिंदगी,
जो हम जी रहे हैं.? 
वरना सजा-ए-मौत के काबिल थे
गुनाह हमारे..! वरना सजा-ए-मौत के काबिल थे
गुनाह हमारे..!