मेरे ही जख्म हैं जो दिखते नहीं कभी मेरा ही दर्द है जो रिसते कभी नहीं मुकम्मल ये जहाँ जो बिखरा हुआ है वो मेरे ही लोग थे जो मेरे हुए नहीं कभी ©सौरभ अश्क #hurtfeelings beet