बारिशों में छुप छुप के जितना रोया हूँ मैं, तुमको भी तो उतना रोना पड़ेगा, सिर्फ मेरा टूटना काफ़ी नही है, तुमको भी मुख्तासिर होना पड़ेगा। #wo chaand kahan se laogi...