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कृतघ्न हूँ मैं ईश्वर की,जिन्होंने जीवन में हर बार

कृतघ्न हूँ मैं ईश्वर की,जिन्होंने 
जीवन में हर बार मुझे कसौटी पे परखा,
जब भी मैं खरी निकली,तो बिना चोट 
पहुँचाए तराश दिया।
जीवन में जो भी दिया है उनका,वो कम नहीं,
ज्यादा की इच्छा क्या करूँ,जो कम है उसका अब गम नहीं।। सुप्रभात।
हमारे पास जो भी होता है, उसे कम समझना मन की एक कमज़ोरी है। 
जो भी है उसे पर्याप्त मानते हुए, उसमें वृद्धि करने का पुरुषार्थ करना चाहिए।
#कमनहींहोता #collab  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
कृतघ्न हूँ मैं ईश्वर की,जिन्होंने 
जीवन में हर बार मुझे कसौटी पे परखा,
जब भी मैं खरी निकली,तो बिना चोट 
पहुँचाए तराश दिया।
जीवन में जो भी दिया है उनका,वो कम नहीं,
ज्यादा की इच्छा क्या करूँ,जो कम है उसका अब गम नहीं।। सुप्रभात।
हमारे पास जो भी होता है, उसे कम समझना मन की एक कमज़ोरी है। 
जो भी है उसे पर्याप्त मानते हुए, उसमें वृद्धि करने का पुरुषार्थ करना चाहिए।
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ashagiri4131

Asha Giri

New Creator