भले एक बार होना चाहिए था किसी से प्यार होना चाहिए था खड़े हैं वो गुलामों की सफो में जिन्हें सरदार होना चाहिए था हर सच छुपा लेती हो मुझसे तुम्हें अख़बार होना चाहिए था बहुत भटकते रहे हैं दर बदर हमारा भी घर बार होना चाहिए था ***** चाहिए_था #InspireThroughWriting