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चाहत में दुश्वारियांँ ना हो तो। मोहब्बत का मज़ा क

चाहत में दुश्वारियांँ ना हो तो। 
मोहब्बत का मज़ा क्या है।।
कर ली जिसने एक बार मोहब्बत।
उसके ज़िंदगी में दुश्वारियांँ ही शामिल।।
कांँटों से हो गई यारी हमारी। 
आंँसुओं की तक़दीर मेरी।।
हर ज़ख्म देता मेरा हमेशा साथ।
कहता आओ पकड़ लूंँ तेरा हाथ।।
मिल गई थी किस्मत उसको खोकर निकली हूंँ।
मैने हर एक लम्हा रो रो कर निकली हूंँ।।
राह–ए–दुनिया में कोई दुश्वारी नहीं।
मैं तेरे मोहब्बत के पेंचो से बाहर निकली हूंँ।। ♥️ Challenge-697 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

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♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।
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मोहब्बत का मज़ा क्या है।।
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उसके ज़िंदगी में दुश्वारियांँ ही शामिल।।
कांँटों से हो गई यारी हमारी। 
आंँसुओं की तक़दीर मेरी।।
हर ज़ख्म देता मेरा हमेशा साथ।
कहता आओ पकड़ लूंँ तेरा हाथ।।
मिल गई थी किस्मत उसको खोकर निकली हूंँ।
मैने हर एक लम्हा रो रो कर निकली हूंँ।।
राह–ए–दुनिया में कोई दुश्वारी नहीं।
मैं तेरे मोहब्बत के पेंचो से बाहर निकली हूंँ।। ♥️ Challenge-697 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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