हम तो ऊँचे गगन में उड़ने लगे एक दूजे से जैसे जुड़ने लगे ! व्यवहार नए से भेले होकर इधर उधर से इधर मुड़ने लगे ! पलकों में कई सपने सजे दिल में कई उम्मीद जगीं अब तो जाने क्यों हम इतना सजने और सँवरने लगे ! पतझड़ बीती बड़ी तड़प से रूखी सुखी सी धरती पे जैसे उमड़े बादल गहरे जी तोड़ बरसने लगे ! 🍉🍫🍎💕👨 : तस्वीर राजस्थान के कुम्भलगढ़ दुर्ग के सबसे ऊपर की है। आओ इसके बारे में जानकारी दूँ आपको :💕👨 माड गायक इस दुर्ग की प्रशंसा में अक्सर गीत गाते हैं : कुम्भलगढ़ कटारगढ़ पाजिज अवलन फेर। संवली मत दे साजना, बसुंज, कुम्भल्मेर॥ :