ना जाने क्यों जिससे कभी मिलना ही ना हुआ, अब तक इस जिन्दगी में, फिर भी वो हमारे जहन में समाया रहता हैं, जिसके बारे में सोचते ही चेहरे पर खुद- ब- खुद मुस्कुराहट आ जाती हैं, हाँलांकि वो कोई कभी या ना जाने कौन हैं या होगा, वो तो बस हमारी imagination में हैं, असल जिन्दगी की हकीकत में नहीं, पर हां शायद दुआ में, कि किस जैसा तसव्वुर हैं वो हमारा। शायद दूर या अंजान ही सही पर कुछ तो हैं उसके और हमारे दरमियाँ, शायद एक जादुई एहसास जो हमारी imagination से ही हमसे जुड़ा हुआ हैं। 6/11/24 ⏰12:25 p. m. (U. K.) ✍️ ©Ubaida khatoon Siddiqui #Ubaidakhatoon #ubaidawrites #Thoughts #Love #lovequotes