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जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला, वो नास्तिक कह

जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला,
वो नास्तिक कहलाए।
"मै" बड़ा है उनके लिए।

जो संघर्ष  के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए
वो आस्तिक कहलाए।
दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया।

ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड ज्यादा चक्र म मत पड़ो,
सामाजिक नियम और मानविक नियम बिल्कुल अलग हैं। 

🙏
जिनकी जिंदगी में सब उनके अनुरूप चला,
वो नास्तिक कहलाए।
"मै" बड़ा है उनके लिए।

जो संघर्ष  के बावजूद तमाम ना हासिल कर पाए
वो आस्तिक कहलाए।
दोष रोपण के लिए ईश्वर को तलाश लिया।

ओर दोनों ही लगभग निरर्थक हैं or मूल से दूर हैं।

©बाबा ब्राऊनबियर्ड ज्यादा चक्र म मत पड़ो,
सामाजिक नियम और मानविक नियम बिल्कुल अलग हैं। 

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