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तेरे इश्क की क्या तशवीह करें, वह तो पानी का एक बुल

तेरे इश्क की क्या तशवीह करें, वह तो पानी का एक बुलबुला निकला।
जितनी जल्दी तूने हमारा इश्क परवान चढ़ाया, उतनी जल्दी उतार दिया।
तुझे अभी समझ नहीं है, इश्क की गहराइयों की बढ़ा नासमझ निकला।
बनाकर खूबसूरत ख्वाबों का महल, हकीकत में खुद ही खंडहर बना दिया।
 Challenge :- 1,  WEEK :- 3
LANGUAGE :- HINDI

TOPIC :- EMOTION, 
THEME :- ANGER 

You need to write a couplet poem of 4 lines 
With the Rhyming scheme of ABAB
तेरे इश्क की क्या तशवीह करें, वह तो पानी का एक बुलबुला निकला।
जितनी जल्दी तूने हमारा इश्क परवान चढ़ाया, उतनी जल्दी उतार दिया।
तुझे अभी समझ नहीं है, इश्क की गहराइयों की बढ़ा नासमझ निकला।
बनाकर खूबसूरत ख्वाबों का महल, हकीकत में खुद ही खंडहर बना दिया।
 Challenge :- 1,  WEEK :- 3
LANGUAGE :- HINDI

TOPIC :- EMOTION, 
THEME :- ANGER 

You need to write a couplet poem of 4 lines 
With the Rhyming scheme of ABAB