उसके हवस का हुई थी शिकार मैं... तो बात कुछ ऐसी है.... उसके बातों की हुई थी गुलाम मैं... उसके आंखों से की थी दीदार मैं... उसके दूर जाने की बात सुन शरीर कांप उठता था... शायद इसी वजह से... उसके हवस का हुई थी शिकार मैं... मुझे गुस्सा करके मुझे मनाने के लिए छूने के बहाने ढूंढता था... मुझ पर भरोसा नहीं कह कर जो मन चाहे करता था.... हर बार मुझे घूमने चलने को कहकर दोस्त के यहां लेकर जाता था... बाबू सोना कह कर मुझे बहुत रुलाता था... प्यार में हुई थी पागल मैं... शायद इसी वजह से, उसके हवस का हुई थी शिकार मैं... शादी ब्याह करने के सपने दिखाया था... बड़ा सा घर होगा कहकर पटाया था... कहता था सबसे ज्यादा प्यारी मैं हूं उसके लिए... और उसी ने मेरी इज्जत सारे बाजार लुटाया था... दुनिया गई थी भूल मैं... शायद इसी वजह से, उसके हवस का हुई थी शिकार मैं... @readytowrite_27 NAVITA BARAI.. uske havas ka hui thi shikar main...