इंतज़ार आज तक न जाने किसका है दिल का बेचैनिओं से ये कैसा रिश्ता है काट रहीं हूँ ये जिन्दगी बेचैनिओं के साथ शायद इंजतार मेरा खत्म होने को हैं, शायद कोई आने को हैं, #HmariAdhuriKhani