मन बंजारा सा दिल आवारा सा, तुम यूं गुजरें मुझसे होकर , ठहरे प्रभात में ;जैसे निहारता सा रह गया 'सोम' अपनी ' निशा ' को ....!!. # मन बंजारा सा , दिल अवारा सा ,