ओर क्या लिखुं चलो एक खत लिखता हूं.. जो भी अपना है वो सब तेरा लिखता हूं... मेरे शरीर मे एक दिल है छोटा सा उसे भी बस मास का एक टुकड़ा लिखता हूं.. ओर क्या लिखुं चलो एक खत लिखता हूं.. मेरे सारे गम वो तेरी सारी यादें उन्हें भी बस अच्छी बाते लिखता हूं.. ओर क्या लिखूं चलो एक खत लिखता हूं.. वो तेरा प्यार से हंसना वो बाते करना उन्हे भी बस झुटी बाते लिखता हूं.. ओर क्या लिखूं चलो बस खत लिखता हूं.. वो तेरा नजरे मिलाना वो मुंह को फुलाना वो सारे बहाने लिखता हूं.. ओर क्या लिखूं चलो बस खत लिखता हूं.. ©vinni.शायर #desert