एक परिवार में अनेक माँ जो रखती पैनी नजर होती अगर जो गड़बड़ तो बहुत करती बड़बड़ कोई कहती, आने दो कोई कहती, आयें हम गति अवरोध है बनाती मेरी माँ मुझे है धमकाती कहती थी सो जाओ नहीं तो बघवा आयेगा दूध नहीं पिया तो शेर खा जायेगा अब कहती है रविवार को भी बाहर जायेगा। आपका ध्यान रखती है आपका ज्ञान रखती है हम छुपाते हैं वो छुपती है हम नादानी करते हैं वो बागवानी करती है।