बेपरवाह न चाहें अगर , तोह मुमकिन नहीं मुखातिब होना उस वाकिफ से जिस के हर एक जर्रे से निकले वो आग बेतार्किबी की जो तरीको से जीना भुला दे होना यूँ गायब एन शरीफों की दुनिया में जो एक सैलाब में न बहादे तेरी खुदगर्जी को मुमकिन हैं की तेरा न मिले कोई निशान पर तेरा वजूद न मिटने पायेगा सिर्फ वो जमीन और वो आसमान न रह जायें तेरे सबूत होगा वो हर एक जर्रा तेरी पाक तबियत का निशान जो हो शामिल तेरी गैरत में तेरा अक्स ,वो शक्श देखे और फीर शायद बेपनाह होकर हो जाये मुकम्मल इस तरीको वाली ,बेनाम ज़िन्दगी से ... Aakanksha Tyagi..... Trans4ming livez #aakankshatyagi #womenpreneurclique edyoumindsolutions