रास्ते सैकड़ों अकलमंद मिलते हैं, काम के लोग चंद मिलते हैं, जब मुसीबत आती है, तब वकील के सिवाय सब के दरवाजे बंद मिलते हैं,,,, प्रवीण वकील साहब