जब आप टूट चुके होते हैं या यूँ कहें कि अपनी ज़िंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे होते हैं और तब भी जब दिव्यांगता आडे़ आ रही हो ,तब कई लोग आयेंगे जो आपका हितैषी होने का दिखावा करेंगे और सहानुभूति बयान करेंगे दूसरों के सम्मुख बेचारा कहकर। तब तुम अपनी ताकत स्वयं बनना खुद से हमेशा प्यार करना ,इस बात की कतई उम्मीद या शिकायत मत करना कोई आपको प्यार नहीं करता या आपकी केयर नहीं करता । ध्यान रखना सामने से अपेक्षा रखना अक्सर कमजोरी की वजह बनता है । अपनी प्रेरणास्रोत खुद बनो अपना ज़िंदगी में हस्ताक्षर बनकर जियो । ©®करिश्मा राठौर #nojotohindi #NojotoInspirational