पर देखो भगवान हमको क्या बनाना चाहता था और हम क्या बन गए ,रावण सिर्फ एक था पर हमने फिर भी आज के समय में हजार बना कर दिखा दिए । अब इसको हम अपनी खुशकिस्मती कहे या पछतावा , जो जैसा था ही नहीं उसको अपनी गलतियों का आधार बना कर बैठ गए । फिर किसी की चीख किसी की पुकार को हम अपनी मुट्ठी में बंद करते चले गए , कौन क्या कहता है उसको छोड़ अपने कानों को बंद करते चले गए । कानून से ऊपर हम हैं यह सब को बताते चले गए , खुद की चिता को छोड़ औरो की चिता को जलाते चले गए । खुद के मां-बाप को शर्मसार करके , खुद की मर्दानगी दिखाते चले गए । किताबें हमने बहुत पढ़ ली पर किताबों का ज्ञान हमें बिल्कुल नहीं मिला , उस रावण को तो राम ने मारा था । अब हम को कौन मारेगा , अब कौन हमारी गलती का खुद हमें एहसास कराएगा । मां बाप की दी हुई शिक्षा को हम यूं बाजार में उछाल रहे , फिर कौन किस जात का है हम यूं लोगों को पाठ पढ़ा रहे । अब तो इन सब का अंत करो , खुले विचारों की नींव रखो । तुम इंसान हो जानवर नहीं इसका परिचय सबको दो , खुद को खुद पर गर्व करने का एक मौका तो दो । #Stoprape #rapevictim #Rape #rapecase