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ख़ामोशी बढ़ती गई इस कदर, लफ्जों ने साथ छोड़ दीया,

ख़ामोशी बढ़ती गई इस कदर,
लफ्जों ने साथ छोड़ दीया,
एहसासों ने बोलना छोड़ दीया,
डोर जो बंधी थी2
मन से मन के ओर, 
धागे उसके कच्चे निकले,
एक भी झटका बर्दास्त न हुआ,
अल्फाजों ने मुंह मोड़ लिया,
रह गए तो बस,
मैं और मेरी ख़ामोशी......

©Sarika das
  #dhoop
sarikadas1782

Sarika das

Bronze Star
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#dhoop #SAD

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