मेरे पास तेरे #सिवा क्या है मैं हूं मर्ज और तू #दवा है जागने भी नहीं देती #रातें और दिन का भी हाल #बुरा है मैं जो सफीने बुन रहा हूं किसके लिए, कौन मेरा #मसी’हा है